नाग पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

दोस्तों आज नाग पंचमी है, आप सभी को नाग पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

दोस्तों नाग देवता और सर्पों की पूजा के लिए प्रतिवर्ष सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है,

नाग पंचमी मनाने के पीछे बहुत से पौराणिक धार्मिक और सांस्कृतिक कथाएं हैं।

शेषनाग, वासुकी, तक्षक, कालिया और अनंत जैसे कई नागों का जिक्र हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं में मिलता है।

भगवान शिव और उनके गले में लिपटे वासुकी नाग के बारे में यह कथा है कि देव और दानवों के बीच समुद्र मंथन के समय वासुकी नाग से ही मंदराचल पर्वत को खींचा गया था, इसलिए नाग पंचमी पर नागों की पूजा करना भगवान शिव की पूजा के समान माना जाता है।

भगवद महापुराण में भी एक कथा आती है जिसमें राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने और सभी सर्पों को नष्ट करने के लिए एक सर्प यज्ञ किया था। महात्मा अत्री मुनि ने जगत कल्याण के लिए इस यज्ञ को रोक दिया, उसी तिथि को नागों की रक्षा के लिए प्रतिवर्ष नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है।

हिन्दू परंपरा में कृषि और प्रकृति से जुड़ी कुछ मान्यताएं हैं, सावन मास में चारों तरफ़ खेतों में हरियाली से सांप दिखाई नहीं देते और चूहों से फसलों को बचाते हैं, इसलिए नाग पंचमी के दिन लोग साँपों की पूजा करते हैं और दूध पिलाते है ताकि वे किसानों को नुकसान न पहुँचाएँ।

नाग पंचमी के दिन सर्पों की आकृति बना कर
सर्प को फूल, चावल, दूध आदि चढ़ा कर पूजा की जाती हैं।

ॐ नमः शिवाय।

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